बुलेट ट्रेन को चांद पर चलने की तैयारी कर रहा है जापान, अब कनेक्टिविटी होगी धरती से मंगल तक; सामने आया जापान का पूरा प्लान

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चांद पर बुलेट ट्रेन चलाने की योजना बनाई जापान के वैज्ञानिकों ने; उम्मीद है कि इसके बनने के बाद चांद पर इंसानी बस्ती के साथ-साथ मंगल और धरती के बीच भी कनेक्टिविटी शुरू करेंगे | 2050 तक इसका प्रोटोटाइप बनकर तैयार हो जाएगा ऐसा वैज्ञानिकों का मानना है |

बुलेट ट्रेन को चांद पर चलने की तैयारी कर रहा है जापान (Nikhil Sahu)

हाइलाइट्स

Tokyo: जब पहले इंसान ने धरती से जाकर चांद पर कदम रखा था, तो उसे मानवता की एक बड़ी छलांग कहा गया था। आज उस घटना को 50 साल से ज्यादा हो चुके हैं और अब इंसान चांद पर बस्ती बसाने की तैयारी कर रहा है। शायद जल्दी ही ऐसा भी दिन आएगा जब चांद पर इंसानी बस्ती बसाई जा सकेगी और इंसान वहां रहने लगेंगे। वैज्ञानिक इसकी योजना बनाने में जुटे हैं, इस बीच जापान के वैज्ञानिक चांद पर बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। जापान में क्योटो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 2022 में घोषणा की थी कि वे काजिमा कंस्ट्रक्शन के साथ मिलकर पृथ्वी को चंद्रमा और मंगल ग्रह से जोड़ने वाली ट्रेन का निर्माण करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही पृथ्वी से बाहर लोगों को बसाने के लिए एक कृत्रिम आवास बनाने की भी योजना है। आइए जानते हैं कि धरती को दूसरे ग्रह से जोड़ने वाली इस ट्रेन को किस तरह से बनाया जाएगा।

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वैज्ञानिकों ने शुरू किया प्रोटोटाइप पर काम

ये सब पढ़ने में किसी साइंस फैंटेसी की तरह लग रहा है लेकिन सही बात तो ये है कि जापानी शोधकर्ता इसके लिए एक लाइव आवास की योजना बनाने में जुट गए हैं। ये एक शंक्वाकार इमारत होगी जिसमें पृथ्वी की तरह गुरुत्वाकर्षण और वातावरण तैयार किया जाएगा। इस इमारत का नाम वैज्ञानिकों ने ग्लास रखा है, जिसकी बनावट इंसान की शारीरिक रचना को कम गुरुत्वाकर्षण और जीरो ग्रेविटी की स्थिति में कमजोर होने से बचाएगी। इसमें कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण के साथ ही पृथ्वी की तरह की सुविधाएं होंगी, जिसमें एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर जाने के लिए ट्रांसिट, हरियाली और पानी भी होगा। काजिमा कंस्ट्रक्शन ने इस इमारत की एक आभासी रचना भी पेश की है, जिसमें इसका पूरा प्लान दिखाया गया है।

तमाम देशों को पछाड़ आगे निकलेगा जापान

गौर करने वाली बात यह है कि जहां एक ओर अमेरिका फिर से चांद पर जा रहा है तो वहीं चीन मंगल ग्रह पर जीवन खोज रहा है. साथ ही रूस भी चीन के साथ मिलकर चांद पर एक संयुक्त मिशन प्लान कर रहे हैं. ऐसे में जापान ने अपनी बुलेट ट्रेन को तक चांद पर ले जाने की प्लानिंग कर ली है.

सीधी बात कहें तो यह एक उल्टा शंकु है जो पृथ्वी की तरह ही लगातार घूमता रहेगा। घूर्णन के चलते इसके केंद्र में एक खिंचाव पैदा होगा, जिससे इसके अंदर पृथ्वी की तरह की गुरुत्वाकर्षण का अनुभव होगा। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि 2050 तक 1300 फीट ऊंचा और 328 फीट व्यास का एक प्रोटोटाइप बनकर तैयार होगा। हालांकि इसका फाइनल वैरिएंट बनने और संचालन होने में एक सदी का समय लगने की संभावना है।

चांद और मंगल तक होगी कनेक्टिविटी

शोधकर्ताओं के मुताबिक, मंगल पर स्थित आवास को मार्स ग्लास कहा जाएगा, जबकि चंद्रमा पर स्थित आवास को लूनाग्लास कहा जाएगा। इसके कोर बायोम कॉम्प्लेक्स का निर्माण होगा, जिसमें पृथ्वी के विभिन्न इलाकों और पारिस्थितिकी तंत्र से तत्वों को निकालकर रखा जाएगा। इसके साथ ही ग्रहों को जोड़ने के लिए एक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का भी प्लान है, जिसे हेक्साट्रैक नाम दिया गया है। दो ग्रहों के बीच बनने वाले इस ट्रैक को इस तैयार किया जाएगा कि इसमें लंबी दूरी की यात्रा के दौरान भी 1जी का गुरुत्वाकर्षण बना रहेगा। ये एक तरह के कैप्सूल होंगे। इसमें बड़ा कैप्सूल 30 मीटर दायरे का होगा जो पृथ्वी से मंगल और चंद्रमा से मंगल के बीच यात्रा करेगा जबकि छोटा कैप्सूल पृथ्वी और चंद्रमा के बीच यात्रा करेगा।

कब तक संभव होगा दूसरे ग्रह पर जीवन?

जापान अगर इस योजना में कामयाब हो जाता है तो इंसानों के लिए एक और ग्रह पर रहने का ऑप्शन खुल जाएगा. बता दें कि ग्लास (Glass) हैबिटेट के बाहर का जीवन लोगों के लिए मुश्किल भरा रहेगा. इससे बाहर जाने के लिए भी लोगों को स्पेससूट पहनना होगा. मंगल पर जीवन यापन की कल्पना करना अभी एक कठिन सवाल तो है ही. वैज्ञानिकों की मानें तो 21वीं सदी के दूसरे हिस्से में इंसान चांद और मंगल पर रहने में सक्षम होगा. साल 2050 तक इसका प्रोटोटाइप बनकर तैयार हो जाएगा और फाइनल वर्जन बनने में लगभग एक सदी का समय लग सकता है.

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